Whom did PM Modi call ‘mute spectators’, gave this big advice.

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि देश ग्लोबल इकोनॉमी का नया इंजन बनें. जिस तरह से चीन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आगे बढ़ा है. उससे दोगुनी के तेजी के साथ भारत का ये सेक्टर दौड़े. इसके लिए कई इंटरनेशनल प्लेयर्स भारत के साथ काम करने को तैयार हैं. बस देश के कारोबाररियों को सामने आने की जरुरत है. इसी वजह से देश के प्रधानमंत्री ने देश के कारोबारियों और उद्योग जगत को मूकदर्शक ना बने रहने की बात कही. साथ ही ये भी नसीहत दी कि वो ग्लोबल सप्लाई चेन में उपलब्ध अवसरों का बेनिफिट लें.

आपको बता दें कि हाल ही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की पीएमआई सामने आई है, जो कि 14 महीनों के लोअर लेवल पर है. ये आंकड़े देश की इकोनॉमी के लिए अच्छे नहीं है. वहीं दूसरी ओर ग्लोबल इकोनॉमी में एक बार फिर उसे ट्रेड वॉर शुरू हो गया है. अमेरिका और चीन एक दूसरे के इंपोर्ट पर टैरिफ लगा रहे हैं. ऐसे में भारत के लिए कई अवसर बन सकते हैं. पीएम मोदी का इशारा भी इसी ओर देखने को मिल रहा है. आइए आपको भी बताते हैं आखिर देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्योग जगत से क्या कहा है.

मूकदर्शक ना बनें उद्योग जगत

देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उद्योग जगत से कहा कि वह मात्र मूकदर्शक न बने और ग्लोबल सप्लाई चेन में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाए. उन्होंने कहा कि दुनिया भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहती है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को हाई क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स का उत्पादन करके दुनिया की बढ़ती जरूरतों का लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने बजट के बाद नियामकीय, निवेश और कारोबार सुगमता सुधारों पर आयोजित वेबिनार में कहा कि आज भारत स्थिर नीतियां और बेहतर कारोबारी माहौल प्रदान कर रहा है. मैं आपसे देश के मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को आगे बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाने का आग्रह करता हूं.

भारत बना ग्लोबल इकोनॉमी का इंजन

मोदी ने कहा कि उद्योग को आरएंडडी का उपयोग करके ऐसे अभिनव उत्पादों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए जिनकी विदेशों में मांग है और इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. मोदी ने कहा कि आज दुनिया को एक भरोसेमंद साझेदार की जरूरत है… उद्योग को महज दर्शक नहीं रहना चाहिए, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन में अवसर तलाशने चाहिए. उन्होंने कहा कि आज भारत ग्लोबल इकोनॉमी के लिए ग्रोथ इंजन बन गया है… देश ने कठिन समय में भी अपनी लचीलापन साबित किया है.

निर्यात में आई है गिरावट

जनवरी के महीने में निर्यात में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. वाणिज्य विभाग आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में निर्यात में सालाना आधार पर 2.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी और आंकड़ा 36.43 बिलियन डॉलर पर आ गया था. इसके विपरीत, इंपोर्ट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली और आंकड़ा 59.4 बिलियन डॉलर हो गया. देश ने सबसे ज्यादा इंपोर्ट सोना (40.8 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक सामान (17.8 फीसदी), कैमिकल (71.8 फीसदी), आयरन ओर (26 फीसदी) और वनस्पति तेल (11.4 फीसदी) का देखने को मिला.

हालांकि, कच्चे तेल का इंपोर्ट, जो भारत के कुल आयात बास्केट का 22 फीसदी है, जनवरी में 13.5 फीसदी घटकर 13.4 बिलियन डॉलर रह गया. एक्सपोर्ट में गिरावट मुख्य रूप से रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में वर्ष-दर-वर्ष 58.7 फीसदी की गिरावट के कारण हुई, जो ग्लोबल पेट्रोलियम कीमतों में लगातार गिरावट और पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स की डिमांड में कमी के कारण हुई.

Leave a Comment